यह मेरी प्रथम पुस्तक का नाम है अतः मैने सोचा कि इसके माध्यम से मैं अपने पाठकों तक अपनी रचनाएँ पहुँचाऊँ।
कुंडलिनी छंद *********** शिक्षा मिले गरीब को, करें गरीबी दूर। बिन शिक्षा के कुछ नहीं, सपने चकनाचूर। सपने चकनाचूर, न देता कोई भिक्षा। कह प्रताप अविराम, सदा लो पहले शिक्षा। ________________________प्रताप
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