#अपराजिता_छंद
विधान-(नगण नगण रगण सगण लघु गुरु)
(111 111 212 112 12)
14 वर्ण, 4 चरण,
दो-दो चरण समतुकांत।
-------------------------------------------
चतुर चपल चाल चंचलता चली।
वसन वसित मंजरी मन में फली।
सरस सलिल साथ ले सरिता कहे
विरह नयन गात पे चपला बहे।
----
लहर - लहर शीत- सी बहती रहे।
सरल सुगम कामना पलती रहे।
सफल सकल साधना करती रहे।
कठिन विमल वेदना हरती रहे।
-----
प्रखर प्रबल तूलिका चलती रहे।
सकल हृदय चेतना भरती रहे।
मधुर-मधुर ज्ञान भी बढ़ता चले।
नमन दमन दंभ को करता चले।
----
#आचार्य_प्रताप
#Acharypratap
विधान-(नगण नगण रगण सगण लघु गुरु)
(111 111 212 112 12)
14 वर्ण, 4 चरण,
दो-दो चरण समतुकांत।
-------------------------------------------
चतुर चपल चाल चंचलता चली।
वसन वसित मंजरी मन में फली।
सरस सलिल साथ ले सरिता कहे
विरह नयन गात पे चपला बहे।
----
लहर - लहर शीत- सी बहती रहे।
सरल सुगम कामना पलती रहे।
सफल सकल साधना करती रहे।
कठिन विमल वेदना हरती रहे।
-----
प्रखर प्रबल तूलिका चलती रहे।
सकल हृदय चेतना भरती रहे।
मधुर-मधुर ज्ञान भी बढ़ता चले।
नमन दमन दंभ को करता चले।
----
#आचार्य_प्रताप
#Acharypratap
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपको अधिक जानकारी चाहिए तो टिप्पणी करें